हनुमान पूजा से मिलती हैं ये आठ सिद्धियां :
श्री हनुमान शिव के अवतार माने गए हैं। शास्त्रों के मुताबिक श्री हनुमान सर्वगुण, सिद्धि और बल के अधिपति देवता हैं। यही कारण है कि वह संकटमोचक कहलाते हैं। हर हिन्दू धर्मावलंबी विपत्तियों से रक्षा के लिए श्री हनुमान का स्मरण और उपासना जरूर करता है।
श्री हनुमान की भक्ति और प्रसन्नता के लिए सबसे लोकप्रिय स्तुति गोस्वामी तुलसीदास द्वारा बनाई गई श्री हनुमान चालीसा है। इसी चालीसा में एक चौपाई आती है। जिसमें श्री हनुमान को आठ सिद्धियों को स्वामी बताया गया है।
यह चौपाई है :- अष्टसिद्धि नव निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता।।
अक्सर हर हनुमान भक्त चालीसा पाठ के समय इस चौपाई का भी आस्था से पाठ करता है। लेकिन इसमें बताई गई अष्टसिद्धियों के बारे में बहुत कम ही श्रद्धालु जानकारी रखते हैं। इस चौपाई के अनुसार यह अष्टसिद्धि माता सीता के आशीर्वाद से श्री हनुमान को प्राप्त हुई और साथ ही उनको इन सिद्धियों को अपने भक्तों को देने का भी बल प्राप्त हुआ। जानते हैं इन आठ सिद्धियों के नाम और सरल अर्थ –
• अणिमा - इससे बहुत ही छोटा रूप बनाया जा सकता है।
• लघिमा - इस सिद्धि से छोटा और हल्का बना जा सकता है।
• महिमा - बड़ा रूप लेकर कठिन और दुष्कर कार्यों को आसानी से पूरा करने की सिद्धि|
• गरिमा - शरीर का वजन बढ़ा लेने की सिद्धि। अध्यात्म की भाषा में अहंकारमुक्त होने का बल।
• प्राप्ति - इच्छाशक्ति से मनोवांछित फल प्राप्त करने की सिद्धि।
• प्राकाम्य - कामनाओं की पूर्ति और लक्ष्य पाने की दक्षता।
• वशित्व - वश में करने की सिद्धि।
• ईशित्व - ईष्टसिद्धि और ऐश्वर्य सिद्धि
• लघिमा - इस सिद्धि से छोटा और हल्का बना जा सकता है।
• महिमा - बड़ा रूप लेकर कठिन और दुष्कर कार्यों को आसानी से पूरा करने की सिद्धि|
• गरिमा - शरीर का वजन बढ़ा लेने की सिद्धि। अध्यात्म की भाषा में अहंकारमुक्त होने का बल।
• प्राप्ति - इच्छाशक्ति से मनोवांछित फल प्राप्त करने की सिद्धि।
• प्राकाम्य - कामनाओं की पूर्ति और लक्ष्य पाने की दक्षता।
• वशित्व - वश में करने की सिद्धि।
• ईशित्व - ईष्टसिद्धि और ऐश्वर्य सिद्धि
No comments:
Post a Comment