Monday, 4 April 2016

धन के ठहराव के लिए :

    आप जो भी धन मेहनत से कमाते हैं उससे ज्यादा खर्च हो रहा हो अर्थात घर में धन का ठहराव हो तो ध्यान रखें को आपके घर में कोई नल लीक करता हो ! अर्थात पानी टपदृटप टपकता हो ! और आग पर रखा दूध या चाय उबलनी नहीं चाहिये ! वरना आमदनी से ज्यादा खर्च होने की सम्भावना रह्ती है !

   
घर में समृद्धि लाने हेतु घर के उत्तरपश्चिम के कोण (वायव्य कोण) में सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें। ऐसा करने से घर में धन का अभाव नहीं रहेगा।

   
घर में स्थायी सुख-समृद्धि हेतु पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े रह कर लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी तथा दूध मिला कर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालने से घर में लम्बे समय तक सुख-समृद्धि रहती है और लक्ष्मी का वास होता है।

   
घर में बार-बार धन हानि हो रही हो तों वीरवार को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़क कर गुलाल पर शुद्ध घी का दोमुखी (दो मुख वाला) दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चाहिए की ृभविष्य में घर में धन हानि का सामना करना पड़े´ जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा देना चाहिए।

   
काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी।

   
घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए घर में सोने का चौरस सिक्का रखें। कुत्ते को दूध दें। अपने कमरे में मोर का पंख रखें।

   
अगर आप सुख-समृद्धि चाहते हैं, तो आपको पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मोली बांधकर तथा उसमें जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।

   
अखंडित भोज पत्र पर 15 का यंत्र लाल चन्दन की स्याही से मोर के पंख की कलम से बनाएं और उसे सदा अपने पास रखें।

   
व्यक्ति जब उन्नति की ओर अग्रसर होता है, तो उसकी उन्नति से ईर्ष्याग्रस्त होकर कुछ उसके अपने ही उसके शत्रु बन जाते हैं और उसे सहयोग देने के स्थान पर वे ही उसकी उन्नति के मार्ग को अवरूद्ध करने लग जाते हैं, ऐसे शत्रुओं से निपटना अत्यधिक कठिन होता है। ऐसी ही परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रातरूकाल सात बार हनुमान बाण का पाठ करें तथा हनुमान जी को लड्डू का भोग लगाएँ और पाँच लौंग पूजा स्थान में देशी कर्पूर के साथ जलाएँ। फिर भस्म से तिलक करके बाहर जाएँ। यह प्रयोग आपके जीवन में समस्त शत्रुओं को परास्त करने में सक्षम होगा, वहीं इस यंत्र के माध्यम से आप अपनी मनोकामनाओं की भी पूर्ति करने में सक्षम होंगे।

   
कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें। अनिष्ट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा।

   
अगर अचानक धन लाभ की स्थितियाँ बन रही हो, किन्तु लाभ नहीं मिल रहा हो, तो गोपी चन्दन की नौ डलियाँ लेकर केले के वृक्ष पर टाँग देनी चाहिए। स्मरण रहे यह चन्दन पीले धागे से ही बाँधना है।

   
अकस्मात् धन लाभ के लिये शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को सफेद कपड़े के झंडे को पीपल के वृक्ष पर लगाना चाहिए। यदि व्यवसाय में आकिस्मक व्यवधान एवं पतन की सम्भावना प्रबल हो रही हो, तो यह प्रयोग बहुत लाभदायक है।

   
अगर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हों, तो मन्दिर में केले के दो पौधे (नर-मादा) लगा दें।

   
अगर आप अमावस्या के दिन पीला त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लहराता हुआ रहे, तो आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा। झंडा लगातार वहाँ लगा रहना चाहिए। यह अनिवार्य शर्त है।

   
देवी लक्ष्मी के चित्र के समक्ष नौ बत्तियों का घी का दीपक जलाएँ। उसी दिन धन लाभ होगा।

   
एक नारियल पर कामिया सिन्दूर, मोली, अक्षत अर्पित कर पूजन करें। फिर हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएँ। धन लाभ होगा।

   
पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जला दें। फिर वापस घर जाएँ एवं पीछे मुड़कर देखें। धन लाभ होगा।

   
प्रातरूकाल पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएँ तथा अपनी सफलता की मनोकामना करें और घर से बाहर शुद्ध केसर से स्वस्तिक बनाकर उस पर पीले पुष्प और अक्षत चढ़ाएँ। घर से बाहर निकलते समय दाहिना पाँव पहले बाहर निकालें।

   
एक हंडिया में सवा किलो हरी साबुत मूंग की दाल, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक भर दें। यह दोनों हंडिया घर में कहीं रख दें। यह क्रिया बुधवार को करें। घर में धन आना शुरू हो जाएगा।

   
प्रत्येक मंगलवार को 11 पीपल के पत्ते लें। उनको गंगाजल से अच्छी तरह धोकर लाल चन्दन से हर पत्ते पर 7 बार राम लिखें। इसके बाद हनुमान जी के मन्दिर में चढ़ा आएं तथा वहां प्रसाद बाटें और इस मंत्र का जाप जितना कर सकते हो करें। ृजय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरू देव की नांई´ 7 मंगलवार लगातार जप करें। प्रयोग गोपनीय रखें। अवश्य लाभ होगा।

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